दिल्ली में बसों का पड़ रहा अकाल,यात्रियों में मचा हाहाकार

रूट परिवर्तन की चर्चा करते हुए कन्डेक्टर ड्राइवर कह रहे ‌‌‌‌‌हैं बुरा भला और यात्रियों से निकाल रहे हैं खुंदक


नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)
दिल्ली में कई दिनों से बस यात्रा करने वालों में बड़ा असमंजस बना हुआ है कि आख़िर उनके रूट की बसें आ और जा क्यों नहीं रही हैं -? कई कई घंटे खड़े रहने के बाद भी डीटीसी की बसें नहीं आईं और यात्रियों को परेशान होकर अन्य साधनों से आना जाना पड़ा। कई यात्रियों ने रोष का भी प्रदर्शन किया। इसके अलावा देर शाम ड्यूटी करके वापस लौट रहे कई ड्राइवरों और कंडक्टरों ने आपसी बातचीत में सिस्टम पर रोष प्रकट करते हुए बसों के रूट की ऐसी तैसी होने की बात कही। पिछले दो दिनों से जहां बाई पास सराय काले खां – उत्तम नगर रूट पर लोग अत्यधिक परेशान हैं वहीं अनेक स्थानों पर घंटों घंटों डीटीसी बसों के न आने की शिकायत बस यात्री कर रहे हैं। दिल्ली के परिवहन मंत्री इस पर ध्यान दें कि बस यात्रा करने वाले बहुत परेशान हैं। कई ड्राइवरों ने बसों को बस स्टैंड पर न रोक कर या ओवर ब्रिजों से भगा ले जाकर अपना गुस्सा निकाला और बस यात्रियों को परेशानी में डाला। रूट नंबर 165 और 188 की ये शिकायत अधिक बनी। इन्होंने अपनी बसें वज़ीराबाद स्टैंड पर न ले जाकर ओवर ब्रिज से भगाई। रिंग रोड पर बसें नदारद रहीं। कुछ लोगों ने इस पर चर्चा करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद कई सौ क्लस्टर बसों का संचालन रोक दिया है। विभाग के लोग इस पर बहसबाजी करते पाए गए कि परिवहन विभाग ने बसों को कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद रोक दिया। नारंगी बसों को साल 2011 के आसपास डीटीसी की सेवाओं में शामिल किया गया था और अब वह ओवरएज हो गई थीं। इन बसों का कॉन्ट्रैक्ट डेढ़ साल पहले ही ख़त्म हो गया था लेकिन इसको आगे बढ़ा दिया गया था। क्लस्टर बसों की निगरानी और प्रबंधन दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट लिमिटेड यानी (डिम्ट्स) द्वारा किया जाता है। इन बसों को साल 2012 में ब्लू लाइन बसों को बदलने के लिए उद्देश्य से दिल्ली में संचालित किया गया था और अब इनमें से कई सौ बसें हैं जो सड़कों से गायब हो गई हैं। परिवहन विभाग द्वारा बंद की गईं क्लस्टर बसें दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, बाहरी और पश्चिमी दिल्ली में चलती थीं। अब इन यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि दिल्ली में चार सौ से अधिक मार्गों पर लगभग तीन हजार क्लस्टर बसों सहित 7300 से अधिक बसों का चलना बताया जाता है जिसमें हर रोज़ लाखों लोग यात्रा करते हैं लेकिन अब बसों की किल्लत ने बस यात्रियों को भारी परेशानी में डाल दिया है।

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