सल्यान के दार्मा ग्रामीण नगर पालिका, धुलखर्क नेपाल मे में पैदा हुए सर्ज क पूरन वियोग ने अपने साहित्य की शुरुआत वर्ष 2067 में की थी।

उन्हें विरह के साथ ग़ज़लें और मुक्तक लिखने में बहुत रुचि है अपने सौम्य स्वभाव और मधुर वाणी के कारण हर किसी की जान बन चुके ब्योग में अच्छी नेतृत्व क्षमता है विभिन्न साहित्यिक समूहों में साहित्य की सेवा करने वाले बियोग ने परिवर्तन सरगम ​​साहित्य प्रतिष्ठान नेपाल 2072 में सर्वश्रेष्ठ श्रास्त पुरस्कार जीता। बनावटी माया (गीत एल्बम 2071) समर्पण ग़ज़ल पत्रिका और संयुक्त ग़ज़ल संग्रह शुभारंभ 2072 और परदेशी 2073 में प्रकाशित हुआ है। चुकुप्रकाश ने बड़ी मुक्तक दुहोरी (संबिधान बिशेष) में प्रमुख भूमिका निभाई और 3150 मुक्तकों का संग्रह करने में सफल रहे। लोक दोहोरी एल्बम (किन माया लायौ/आधुनिक एल्बम “बियोग” लैकेट बेदना (ग़ज़ल संग्रह), बनावटी माया (मुक्तक दोहोरी संग्रह) प्रकाशन के लिए तैयार है हाल ही में चंडीगढ़, भारत में आयोजित (भारती इंटरनेशनल म्यूजिक अवार्ड्स 2024) में, वह लोकप्रिय लोक गीत गायक पूर्णकला बी.सी., मॉडल रूपा के साथ लोक दोहोरी एल्बम (रोए जब मा) के गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार पाने में सफल रहे हैं कंडेल और तेजेंद्र बिबस प्रदर्शन कर रहे हैं।
संयोगवश, गीतकार बियोग को गायक पूर्णकला बीसी से वही पुरस्कार मिला पूरन बियोग परदेशी साहित्य समाज भारत के अध्यक्ष भी हैं, बियोग 2071 से गोवा में रहकर गोवा नेपाल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड, पीबी मनी ट्रांसफर और गोवा नेपाली टीवी द्वारा संचालित संगठन के सदस्य हैं । वहाँ हैं! कुशल लेखक एवं पत्रकार पूरन वियोग को शुभकामनाएँ, हम आपको शुभकामनाएँ देते हैं!

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