गिनीज रिकॉर्ड, असम सरकार का अमृत वृक्ष आंदोलन पर्यावरण की रक्षा के लिए नहीं बल्कि पर्यावरण के विनाश के लिए : आप तीन लाख पौधे लगाने का रिकॉर्ड किए गए डिब्रूगढ़ के अभयपुर में अब हे केवल सूखी पेड़ की तने ।
गिनीज रिकॉर्ड, असम सरकार का अमृत वृक्ष आंदोलन पर्यावरण की रक्षा के लिए नहीं बल्कि पर्यावरण के विनाश के लिए : आप तीन लाख पौधे लगाने का रिकॉर्ड किए गए डिब्रूगढ़ के अभयपुर में अब हे केवल सूखी पेड़ की तने ।

गिनीज रिकॉर्ड, असम सरकार का अमृत वृक्ष आंदोलन पर्यावरण की रक्षा के लिए नहीं बल्कि पर्यावरण के विनाश के लिए : आप
तीन लाख पौधे लगाने का रिकॉर्ड किए गए डिब्रूगढ़ के अभयपुर में अब हे केवल सूखी पेड़ की तने ।
पंकज नाथ, असम, 29 नवंबर :
आप, असम इकाई के उपाध्यक्ष जितुल डेका ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए या वन आवरण के विकास के लिए नहीं सिर्फ गिनीज रिकॉर्ड करने के लिए ही थे असम सरकार का ‘अमृत वृक्ष आंदोलन’ ‘। आज आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप उपाध्यक्ष जीतुल डेका ने सरकार के ‘अमृत वृक्ष आंदोलन’ के वास्तविक स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेगा वृक्षारोपण अभियान को पर्यावरण एवं वन विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए आज सरकार ने आधिकारिक तौर पर 9 शाखाओं में विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र गिनीज अथॉरिटी से लिये जाने के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। सरकार जिन नौ रिकॉर्ड्स की सर्टिफिकेट आज लेना चाहती है, उनमें से एक 15 सितंबर को डिब्रूगढ़ वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले अभयपुर में एक घंटे में तीन लाख इकतीस हजार उनतालीस पौधे लगाने का रिकॉर्ड भी है। सरकार के इस रिकॉर्ड के संबंध में पौधे लगाए जाने के दो महीने बीत जाने के बाद आप, असम के डिब्रूगढ़ जिला अध्यक्ष द्विजेन गोगोई और नाहरकटिया निर्वाचन क्षेत्र समिति के सचिव सुब्रत भुइयां के नेतृत्व में एक टीम ने घटनास्थल का दौरा करते हुए जो जानकारी दिए वह तस्वीर असम के लोगों को चौंका देगी। संवाददाता सम्मेलन में आप नेता जीतुल डेका ने सरकार द्वारा डिब्रूगढ़ के अभयपुर में लगायें गए वृक्षारोपण स्थल की वर्तमान तस्वीर पेश करते हुए कहा कि साइट पर लगाए गए 90 प्रतिशत पौधे अब मर चुके हैं। रिकॉर्ड बनाने वाला क्षेत्र केवल सूखे पौधों और बांस के लकड़ी से भरा हुआ है । इससे साबित होता है कि सरकार की मंशा सिर्फ गिनीज रिकॉर्ड करने की है , पर्यावरण को बचाने की नहीं है। वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी और सरकार के वन विभाग को अखबारों में विज्ञापन देकर ऐसे रिकॉर्ड के लिए प्रमाण पत्र देने के लिए असल में शर्मिंदा होना चाहिए। अमृत वृक्ष आंदोलन के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या वन विभाग से पूछा है कि दो महीने पहले लगाए गए पौधे अब किस स्थिति में हैं? चूंकि सरकार को केवल गिनीज रिकॉर्ड किए गए प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, इसलिए वह गिनीज अधिकारियों से लाखों पौधे लगाकर वह पौधों को मारने के रिकॉर्ड के लिए भी अपील कर सकती है। फिर सरकारी रिकॉर्ड की संख्या में और वृद्धि होगी। आम आदमी पार्टी, असम वन और पर्यावरण की रक्षा के नाम पर सरकार की इस तरह की निष्कपट कार्रवाई की निंदा करती है। आज के संवाददाता सम्मेलन में राज्य कार्यकारिणी के सदस्य आमिर हुसैन भी मौजूद थे।