नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ की सलाह पर नेशनल असेंबली को उसके पांच साल के कार्यकाल के पूरा होने से तीन दिन पहले भंग कर दिया है। जारी रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बुधवार को आधी रात से ठीक पहले राष्ट्रपति कार्यायल ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर अनुच्छेद 58(1) के तहत नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है।” इसके अनुमोदन के बाद संघीय मंत्रिमंडल भी भंग हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल कुद्दूस बिज़ेंजो ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि जिसमें कहा गया है कि गवर्नर मलिक अब्दुल वली काकर ने उन्हें प्रांतीय विधानसभा को भंग करने के लिए सार भेजा है। मि बिजेंजो ने बताया है कि मैं बलूचिस्तान विधानसभा को भंग करने की सलाह भेजने की जल्दी में नहीं हूं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह 12 अगस्त (शनिवार) को एक सार पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
इस बीच सिंध विधानसभा का सत्र जारी है।
शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए संविधान के अनुसार अब तीन दिन का वक्त है। अगर वे किसी नाम पर सहमत नहीं हो पाते हैं, तो मामला नेशनल असेंबली के अध्यक्ष द्वारा गठित एक समिति को भेजा जाएगा,जिसे तीन दिनों के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री का नाम तय करना होगा। अगर समिति निर्धारित अवधि के भीतर निर्णय लेने में असमर्थ रहती है तो प्रस्तावित नाम पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को भेज दिए जाते हैं। इसके बाद आयोग के पास विपक्ष और सरकार द्वारा प्रस्तावित नामों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए दो दिन का समय होता है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने बुधवार को कहा था कि वह बृहस्पतिवार को अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए विपक्षी नेता रियाज से मिलेंगे। मि.रियाज का मानना है कि विचार विमर्श ‘सही समय’ पर होगा। रियाज के मुताबिक उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ परामर्श प्रक्रिया पूरी कर ली है और अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए तीन नाम चुने हैं।
नेशनल असेंबली को भंग करने का कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भ्रष्टाचार की सज़ा को पलटने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। मि. खान (70) को 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के लिए तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को इस्लामाबाद की निचली अदालत ने तीन साल की सज़ा सुनाई थी। बाद में उन्हें पंजाब पुलिस ने उनके लाहौर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था।
खान वर्तमान में अटक जेल में बंद है। उन्होंने मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में अपने वकीलों के माध्यम से एक याचिका दायर करके मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सज़ा के खिलाफ अपील की।