असम उन्नयन परिषद ने मनाया अपना 19वां स्थापना दिवस।
असम उन्नयन परिषद ने मनाया अपना 19वां स्थापना दिवस।

पंकज नाथ, असम, 9 जनवरी :
असम में सामाजिक-आर्थिक दिशा पर काम करने वाले राज्य के एकमात्र जातीय संगठन असम उन्नयन परिषद का 19वां वार्षिक स्थापना दिवस आज गुवाहाटी के दिघली पुखुरी स्थित साहित्य सभा भवन के नेहा अग्रवाल सभागार में आयोजित किया गया। बैठक में असम के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में समिति के अध्यक्ष मौसम कुमार उजीर ने सुबह ध्वजारोहण किया। भोजनावकाश के बाद हुई खुली बैठक में समिति के अध्यक्ष उजीर ने बैठक की अध्यक्षता की। असम उन्नयन परिषद के महासचिव चंदन बोरदैलाई ने बैठक में उद्घाटन भाषण दिया। अपने भाषण के संदर्भ में, उन्होंने असम के सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत विरोध की भूमिका निभाने के लिए उन्नयन परिषद के पटल से अपने सभी साथियों से अपील की। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए बोडो साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष तरेन बोरो ने अपनी सरुआ भाषा से सभा कक्ष में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने भाषण के संदर्भ में, उन्होंने उन्नयन परिषद से असम की हर जाति और जनजाति के बीच सद्भाव बनाकर नई पीढ़ी के बीच कार्य संस्कृति पैदा करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। बैठक में डॉ. खगेंद्र नारायण बरुआ मुख्य अतिथि थे। उन्होंने संगठन से आह्वान किया कि वह आज की पीढ़ी को विनाश के कगार पर धकेलने वाले घातक मादक पदार्थों के खिलाफ कड़ा कदम उठाए। अपने समापन भाषण में, असम के जातीय जीवन में एक संघर्षशील व्यक्ति तथा असम उन्नयन परिषद के अध्यक्ष मौसम कुमार उजीर ने 19 से अधिक वर्षों से राज्य के आर्थिक और सामाजिक पहलुओं में उन्नयन परिषद की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य संस्कृति एक जाति की रीढ़ है और कहा कि अतीत में असम से बेरोजगारी की समस्या को हल करने में परिषद द्वारा निभाई गई मजबूत भूमिका आने वाले समय में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि असम उन्नयन परिषद असम में सरकारी स्वामित्व वाले गैर-सरकारी संस्थानों में 80 प्रतिशत स्वदेशी लोगों की भर्ती के लिए मजबूत कदम उठाना जारी रखेगी और उनके संगठन के सभी साथियों से इसके लिए प्रतिबद्ध होने का भी उन्होंने आग्रह किया है।