सीबीआई ने सफदरजंग अस्पताल में पैसे लेकर इलाज करने के रैकेट का किया भंडाफोड़
सीबीआई ने अस्पताल के एक न्यूरो सर्जन समेत पांच लोगों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली (एशियन पत्रिका ब्यूरो)
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज सम्बंधी अनियमितताओं के साथ साथ रिश्वत लेकर विभिन्न काम होने की चर्चाएँ तो पिछले काफ़ी दिनों से चलती आईं हैं लेकिन इसका बड़ा भंडाफोड़ तब हुआ जब सीबीआई ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पैसे लेकर इलाज करने के रैकेट की हरकतों को उजागर किया। सीबीआई ने अस्पताल के एक न्यूरो सर्जन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है। आरोप है कि अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष रावत, कनिष्का सर्जिकल के दीपक खट्टर, कुलदीप और दो मिडलमैन रैकट में शामिल थे। इसके जरिए आने वाले मरीजों का यह डॉक्टर पैसे लेकर इलाज करता था। अस्पताल के इलाज के संबंध में तय किए गए नियमों को दरकिनार करके ये सारा खेल चल रहा था। डॉक्टर बिचौलियों के माध्यम से मरीजों को कनिष्का सर्जिकल से उपकरण खरीदने को कहता था। आरोप है कि मरीजों को असली कीमत से ज्यादा रकम का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता था। यह भी आरोप है कि डॉक्टर बैन हुई कंपनियों के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग भी कर रहा था। पूरे रैकेट में बरेली के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग भी कर रहा था। पूरे रैकेट में बरेली की कंपनी का नाम सामने आ रहा है। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई जगहों पर छापेमारी की थी। केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष रावत की गिरफ्तारी ने अस्पताल के अंदर हलचल मचा दी है। सूत्रों का कहना है कि यह बहुत ही चिंताजनक और शर्मनाक है। इतने बड़े सेंटर में गरीब और आम मरीज बड़ी उम्मीद के साथ इलाज के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर ही इलाज के नाम पर मरीजों के साथ ठगी करें, अस्पताल में गैरकानूनी काम हो रहा था और लोगों को पता नहीं चला। अस्पताल के अंदर की व्यवस्था पर ध्यान नहीं जाना बड़ी चिंता की बात है।