जूनागढ़ में हिंसा और आगज़नी का ज़िम्मेदार कौन -?

भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया


नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
अब देश के किसी भी भाग से अचानक ऐसी ख़बर आ जाती है कि सभी हक्के-बक्के रह जाते हैं। साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाएं आनन फानन में बड़ा जान माल का नुक़सान कर देती हैं। गुजरात राज्य के जूनागढ़ से भारी बवाल और हिंसा की खबर सामने आई है। यहां एक दरगाह के निर्माण को जिसे अवैध बताया जा रहा है को तोड़ने को लेकर हिंसा हुई है। भीड़ ने जमकर पथराव और आगज़नी की है। इस घटना में डीएसपी सहित पुलिस के कई जवान ज़ख्मी हुए हैं। घटनास्थल पर पुलिस और बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार जूनागढ़ का यह बवाल दरगाह को ध्वस्त करने को लेकर हुआ है। आपको बता दें कि गुजरात के जूनागढ़ में बीती रात (15-16 जून) दरगाह को लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने ज़बरदस्त हंगामा किया। भीड़ ने अवैध निर्माण बताकर दरगाह को तोड़ने के लिए प्रशासन के नोटिस के बाद जमकर हंगामा किया। लोगों की भीड़ ने कई गाड़ियां फूंक दीं। जान बचाने के लिए भागे लोगों में अफरा तफरी मच गई। लोगों का तो पता नहीं लेकिन भीड़ के हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई समेत पुलिस के चार जवान घायल बताए गए हैं। जबकि भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया। इलाके में भारी तनाव है। बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को अवैध निर्माण का नोटिस दिया गया था। प्रशासन द्वारा दबाव बनाने का इलाके के लोग विरोध कर रहे थे। गुरुवार और शुक्रवार की रात में जब दरगाह के ध्वस्तीकरण की ख़बर लोगों में फैली तो वो इकट्ठा हुए और बातों-बातों में लोगों का गुस्सा बेकाबू हो गया। पुलिस प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज और आंसू गैस ने आग में घी का काम किया। हिंसा और आगज़नी हुई।

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