‘सांची’ को ‘अमूल’ पिछले दरवाजे से कर रह है टेकओवर : तन्खा

'Amul' is taking over 'Sanchi' through the back door: Tankha

 

भोपाल, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के दुग्ध उत्पादन के विश्वसनीय ब्रांड ‘सांची’ को गुजरात का प्रसिद्ध ब्रांड ‘अमूल’ पीछे के दरवाजे से ‘टेकओवर’ कर रहा है।प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ श्री तन्खा ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए कहा कि कर्नाटक के ‘नंदिनी’ के साथ भी यह प्रयास हुआ था। सांसद ने लिखा है, “मप्र सरकार चाहे घुटने टेक दे, मगर एमपी की 7़ 5 करोड़ जनता, जिसके लिए सांची घर घर का ब्रांड है, विरोध करेगी।”उन्होंने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा है, “सांची (मिल्क प्रॉडक्ट्स) मप्र का ब्रांड है, जैसे अमूल गुजरात का ब्रांड है। बैकडोर से सांची का टेकओवर हाे रहा है। अमूल पिछले काफी समय से मध्यप्रदेश में अपना विस्तार करना चाह रहा था, उसने बड़ा प्लांट भी स्थापित किया, लेकिन रास्ता नहीं मिल रहा था। मप्र सरकार घुटने मत टेकिए।”

इस बीच प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने श्री तन्खा की इस पोस्ट के जवाब में सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “अल्पज्ञान से श्री जीतू पटवारी तथा अन्य कांग्रेसियों की भांति मध्यप्रदेश को बदनाम ना करें श्री तन्खा जी। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, भारत सरकार का ही उपक्रम है, जिसको सांची के संचालन और कुशल प्रबंधन का काम देने का निर्णय हुआ है, इसमें अमूल का कहीं भी उल्लेख नहीं है। आधुनिकीकरण और उत्पादन हेतु सांची को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट को सौंपने की बात की जा रही है। चूंकि भाजपा की मोहन यादव सरकार प्रदेश को हर स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है, ऐसे मेंपशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान से देश में अग्रणी बनाने के प्रयास हेतु यह कदम उठाया गया है।”

वहीं मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जारी की गयी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य मंत्रालय में प्रदेश में डेयरी विकास योजना, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और सांची दुग्ध संघ के कार्यों के संबंध में समीक्षा की। इस अवसर पर केंद्र सरकार की पशुपालन एवं डेयरी सचिव श्रीमती अल्का उपाध्याय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह भी उपस्थित थे। बैठक में मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन एवं एकत्रीकरण तथा सांची दुग्ध संघ के विषय में कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में मध्यप्रदेश राज्य कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन अगले पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किए जाने पर सहमति बनी। इसके लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त कर विधि संगत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाकर किसानों और पुशपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बोर्ड को दायित्व देने पर सहमति बनी है। आवश्यक हुआ तो इस कार्य के उद्देश्य से सहकारिता अधिनियम में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश और राजस्थान के पश्चात मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है। प्रदेश में प्रतिदिन साढ़े पांच करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है, वहीं मध्यप्रदेश में यह 644 ग्राम है। अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने की दिशा में कार्य होगा। प्रारंभ में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की ओर से प्रस्तुतिकरण (प्रजेंटेशन) दिया गया।

 

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