कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय की स्थापना होगी : कुलपति
कुलपति श्री पांडे ने कहा कि छात्र हित को सर्वोपरि रखा जाय

दरभंगा, बिहार के प्रतिष्ठित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर लक्ष्मीनिवास पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत विश्वविद्यालय में संचालित संकायों के अलावा एक नया संकाय ‘आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय’ की स्थापना होगी, जिसके अस्तित्व में आते ही स्नातकोत्तर डिप्लोमा समेत अन्य कई कोर्स स्वतः इस संकाय के अधीन आ जाएंगे।विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में आयोजित विद्वत परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि बैठक में न सिर्फ छात्र हितों को लेकर दूरगामी फैसले लिए गए हैं,बल्कि मिथिला की परम्परा को और सुदृढ़ करते हुए लोक हितों का भी भरपूर ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह व्यवस्था पहली बार होगी कि अब आमजनों को मांगलिक कार्यो एवं संस्कारों को सम्पादित करने के लिए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय विशेषज्ञ पुरोहित उपलब्ध कराएगा। इसके लिए अब इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है। सिर्फ आमजनों को पुरोहित के मानदेय की राशि ही जमा करनी होगी। यह नई व्यवस्था बहुत जल्द मूर्त रूप लेने जा रही है।कुलपति श्री पांडे ने कहा कि छात्र हित को सर्वोपरि रखा जाय। छात्र ही विश्वविद्यालय की रीढ़ है। इनकी समस्याओं को हल करने के लिए खासकर कॉलेजो को पहल करनी चाहिए। इससे उनकी परेशानी कम होगी और अनावश्यक इसके लिए उसे दौड़-धूप नहीं करनी होगी। शास्त्र परम्पराओं को भी सुदृढ़ करना है और नई शिक्षा नीति के तहत आधुनिक बहुविषयक शिक्षा को भी बढ़ाना है। संस्कृत को व्यवहार में लाकर ही हम इसकी भलाई कर सकते हैं। जन सामान्य तक इसे पहुंचाकर ही उचित सम्मान दिया जा सकता है। इससे दूर होने पर यह स्वतः दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अधीन जन सुविधा के लिए एक वहीरंग विभाग (ओपीडी) भी संचालित होगा जिसे ज्योतिष ओपीडी कहा जायेगा। इस ओपीडी के अधीन संचालित सभी सुविधाओं समेत अन्य विन्दुओं का रोडमैप करीब-करीब तैयार कर लिया गया है। यहां ज्योतिष परामर्श भी दिया जाएगा।श्री पांडे ने कहा,सर्वविदित है कि विश्वविद्यालय से प्रकाशित विश्वविद्यालय पंचांग का पूरे देश मे अपनी अलग पहचान एवं स्थान है। इस पंचांग के वैदिक आधार ‘ मकरन्द प्रकाश ‘ समेत अन्य ज्योतिष पद्धतियों को पेटेंट कराने का भी निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में महत्वपूर्ण यह भी रहा कि अब विश्वविद्यालय में ढेर सारे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी। सक्षम प्राधिकारों से हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। स्ववित्तपोषित इन सभी पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने वाले छात्रों को प्रारम्भिक संस्कृत पढ़ना अनिवार्य होगा। संस्कृत के प्रचार व प्रसार के लिए ऐसा निर्णय उपयुक्त माना गया। आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय में आने वाले मुख्य पाठ्यक्रमों में पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन एन्ड जर्नलिज्म, पीजीडीसीए, डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन स्टडीज, भारतीय विधि शास्त्र (एलएलबी ), बीबीए बीसीए, एमलिस, एमबीए, एमसीए समेत अन्य करीब दर्जन भर कोर्स शामिल हैं। साथ ही विश्वविद्यालय में पहले से ही संचालित सर्टिफिकेट कोर्स भी पूर्ववत जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि एक वर्षीय डिप्लोमा पौरोहित कर्मकांड कोर्स वेद संकाय के अधीन संचालित होगा। इसी तरह कुंडली निर्माण एवं वास्तु शास्त्र के साथ साथ वैदिक गणित ज्योतिष संकाय, स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम पाली एवम प्राकृतिक के अलावा योग में एक वर्षीय डिप्लोमा दर्शन संकाय तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के हिन्दू स्टडीज पाठ्यक्रम पुराण संकाय के अधीन सम्पादित होंगे। कोर्सेज आँन लाईन एवं ऑफ लाईन दोनों मोड में हो सकता है। इस पर अंतिम निर्णय शेष है।प्रतिकुलपति प्रो0 सिद्दार्थ शंकर सिंह ने कहा कि वैसे पाठ्यक्रम बनाएं जिससे समाज को सीधा लाभ मिले।उन्होंने पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परम्पराओं को समावेश करने की सलाह भी दी। उन्होंने बैठक में कई विषयों को उठाते हुए पूर्व के निर्णयों पर सवाल भी खड़ा किया। उन्होंने कहा कि विषय वस्तुओं में संस्कृत शास्त्रों की नीति एवं सूत्रों को स्थान देते हुए शास्त्रीय व्यवहार पक्षों को भी जगह देने की उन्होंने वकालत की।वहीं, सम्मानित अतिथि प्रो. बोध कुमार झा ने सलाह दी कि कालेजों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जा सकता है जो लगातार इन विषय पर नजर रखेगा।
स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव प्रो0 त्रिपाठी ने कहा कि उनकी यह पहली बैठक है। इसमें सभी सदस्यों का सहयोग सदन को अपेक्षित है।बैठक में सभी विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष एवं सदस्य प्रधानाचार्य समेत आमंत्रित सदस्य मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. झा ने किया।