पर्यावरणीय प्रभाव पर पर्याप्त विचार किए बिना आ रही हैं जलविद्युत परियोजनाएं : कांग्रेस
Hydropower projects coming up without adequate consideration of environmental impact: Congress

नई दिल्ली,कांग्रेस ने पूर्वी सिक्किम में भूस्खलन के कारण तीस्ता नदी पर स्थित 510 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त होने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीते कुछ वर्षों से पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाएं उनके पर्यावरणीय प्रभाव पर पर्याप्त विचार किए बिना आ रही हैं।पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यदि यही स्थिति बनी रही तो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।पूर्वी सिक्किम में मंगलवार को भारी भूस्खलन हुआ जिसके कारण तीस्ता नदी पर स्थित 510 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए।रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘यह आपदा अक्टूबर 2023 में उस ‘ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड्स’ (हिमखंड पिघलने से बाढ़) और तीस्ता नदी बेसिन में बाढ़ के बाद आई है, जिससे सिक्किम और कलिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) में भारी तबाही हुई थी। जुलाई 2024 में पेश किए गए केंद्रीय बजट में ‘सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण’ को समर्पित एक खंड था, जहां वित्त मंत्री ने सिक्किम के लिए धन के किसी भी विवरण के बिना ‘सहायता’ का अस्पष्ट वादा किया था।’’
उन्होंने दावा किया कि सरकार के टकरावपूर्ण संघवाद के तहत बजट पश्चिम बंगाल के उन क्षेत्रों के प्रति उदासीन था जो समान रूप से प्रभावित थे। रमेश ने कहा, ‘‘प्रतिशोध की राजनीति को छोड़ भी दें, तो बजट घोषणाएं अपर्याप्त थीं। पूरे क्षेत्र को एक ऐसे विकास ढांचे की जरूरत है जो पारिस्थितिकी संबंधी आयामों को केंद्र में रखे। यह पिछले वर्ष में आपदाओं की व्यापक श्रृंखला से स्पष्ट हो गया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाएं उनके पर्यावरणीय प्रभावों पर पर्याप्त विचार किए बिना आ रही हैं। तीस्ता पर बने बांध इस बात का प्रमुख, लेकिन एकमात्र उदाहरण नहीं हैं कि कैसे विकास के नाम पर पारिस्थितिकी को मौलिक रूप से बदला जा रहा है।’’ उनका कहना है कि इसके वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।