अफ्रीकी देश गेबॉन में तख्तापलट हुआ, सेना ने नेशनल टीवी पर ऐलान किया

राष्ट्रपति अली बोंगो को नज़रबंद किया गया

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
अफ्रीकी देश गेबॉन में तख्तापलट कर दिया गया है। चुनावी नतीजे आते ही सेना ने राष्ट्रपति को क़ैद किया। नाइजर के बाद अब अफ्रीका के एक और देश गेबॉन में तख्तापलट हो गया है। यहां की सेना ने नेशनल टीवी पर आकर इस बात का ऐलान किया और राष्ट्रपति अली बोंगो को नज़रबंद कर लिया है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि देश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। गैबॉन में सेना के बड़े अधिकारियों के एक समूह ने चुनावों को खारिज करते हुए सत्ता अपने हाथ में ले ली है। 30 अगस्त को उन्होंने टीवी पर इसकी घोषणा की। सैन्य अधिकारियों ने हालिया चुनावों को अविश्वसनीय बताते हुए खारिज कर दिया। तख्तापलट करने वाला सैन्य समूह ने अपना नाम “कमेटी फॉर द ट्रांजिशन एंड रेस्टोरेशन ऑफ इंस्टिट्यूशंस” रखा है।
ज्ञात रहे कि गैबॉन में भारी गरीबी है, लेकिन यह देश संसाधनों के मामले में काफी संपन्न है, खासकर कच्चे तेल के मामले में, देश की स्टेट इलेक्टोरल बॉडी ने पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति अली बोंगो को तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की घोषणा की थी। अगर यह तख्तापलट सफल रहा, तो यह पश्चिम अफ्रीकी और केंद्रीय अफ्रीकी देशों में 2020 के बाद से आठवां तख्तापलट होगा। माली, गिनी, बुर्किना फासो, चाड और नाइजर में पहले ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ख़त्म किया जा चुका है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तख्तापलट की कार्रवाई के दौरान राजधानी लीब्रविल में गोलियां चलने की आवाजें सुनी गईं, इसके बाद गैबॉन 24 टीवी चैनल पर तख्तापलट की जानकारी देते हुए सैन्य अधिकारियों ने कहा कि “गैबॉन के लोगों के लिए, हमने वर्तमान सत्ता का अंत करते हुए शांति की रक्षा करने का फैसला किया है। इसके साथ ही गैबॉन की पूरी सेना के नेतृत्व का दावा कर रहे इन सैन्य अधिकारियों ने इस “गणतंत्र की सभी संस्थाओं के अंत” की घोषणा भी कर दी है। उनके मुताबिक,”गैर-जिम्मेदार और अस्थिर सरकार की वजह से सामाजिक वातावरण ख़राब हो रहा था।
गैबॉन में 26 अगस्त को हुए चुनावों के बाद से ही देश में तनाव था, इन चुनावों के बाद राष्ट्रपति बोंगो अपने परिवार के 55 साल के शासन को आगे भी चलाने के लिए चुने गए थे, जबकि विपक्ष देश की सत्ता में बदलाव की मांग कर रहा था। चुनावों को अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की गैर-मौजूदगी में कराया गया था, इस दौरान विदेशी मीडिया को भी चुनाव की कवरेज नहीं करने दी गई थी, सारे देश में इंटरनेट बंद कर दिया गया था और प्रशासन ने हर जगह कर्फ्यू लगाया हुआ था, इस मामले में सरकार ने कोई सफाई भी नहीं दी थी। बोंगो पिछले 14 साल से गैबॉन की सत्ता में हैं. 2019 में सरकारी रेडियो चैनल पर सैनिकों ने कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति अली बोंगो को सत्ता से निकालने के लिए नेशनल रेस्टोरेशन काउंसिल बनाई थी, हालांकि तख्तापलट की यह कोशिश एक हफ्ते से भी कम चली थी।
सेना के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि अपदस्थ राष्ट्रपति अली बोन्गो को उनके घर में हिरासत में रखा गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया है कि गेबॉन की सीमा को बंद कर दिया गया है।

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